लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के प्रतिनिधि को विधानसभा सत्र की कवरेज से न रखे वंचित

ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन (आईना) के राष्ट्रीय सचिव ने पत्रकारों से जुड़े एक खास मुद्दे पर कहा कि लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को विधानसभा सत्र कवरेज हेतु प्रत्येक सत्र में पास जारी किए जाते रहे हैं । परन्तु 23 मई से होने वाले सत्र में कवरेज हेतु मात्र ऐसे दैनिक समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 30,000 से अधिक हो, उनके प्रतिनिधि को ही विधानसभा सत्र कवरेज हेतु पास जारी करने का निर्णय न्याय संगत नहीं है ।

उन्होने कहा कि समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों को बड़े एवं छोटे, सम्मानित तथा मान्यता एवं गैर मान्यता के क्रम में रखकर यदि विधानसभा की प्रेस कवरेज हेतु रोका जाएगा तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अंकुश लगाने जैसा नियम प्रतीत होता है।

उत्तर प्रदेश में लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों द्वारा आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक अग्रणी समाचारों के वास्तविक दृष्टिकोण से लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के प्रतिनिधि जमीनी स्तर पर काम करते हैं। ऐसे में विधानसभा सत्र की कवरेज हेतु मात्र ऐसे दैनिक समाचार पत्र जिसकी प्रसार संख्या 30,000 से अधिक हो, उनके प्रतिनिधि को ही विधानसभा सत्र कवरेज हेतु पास जारी किए जाने की नियमावली बनाया जाना उचित नहीं प्रतीत होती।

आईना के राष्ट्रीय सचिव ने प्रमुख सचिव, विधान सभा, उत्तर प्रदेश, लखनऊ को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि ऐसे नियम में शिथिलता बरतते हुए, आप द्वारा पूर्व के वर्षों की भांति सभी मीडिया कर्मियों को विधानसभा सत्र कवरेज हेतु पास निर्गत किए जाने की कृपा करें। संगठन आपका आभारी रहेगा।

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