पेपरलेस उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र को पत्रकार लेस बनाने की मुहिम

लखनऊ।  पेपरलेस उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र को पत्रकार लेस बनाने की मुहिम रंग लेते दिख रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा की आपरेशन पेपरलेस की मुहिम के चलते समाचार पत्रों से जुड़े अनेक पत्रकारों को विधानसभा की प्रत्यक्ष रूप से कार्रवाई करने से न सिर्फ रोका गया बल्कि उनको प्रवेश पत्र भी नहीं जारी किया गया है।

20 सालों से जो पत्रकार लगातार विधानसभा कवरेज कर रहे थे उनको पेपरलेस कर दिया गया और अधिकारियों के कमरे में चाय की चुस्कियां लेने वालों पर ऐसी कृपा दृष्टि बरसी कि एक ही संस्थान, एक ही समाचार पत्र से चार चार व्यक्तियों के पास जारी कर दिये जाना पूरी व्यवस्था की पारदर्शिता की नीति को दर्शाता है।

पत्रकार अमरेन्द्र  प्रताप सिंह मे कहा कि 12 साल के निरन्तर कवरेज के बाद, उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री प्रदीप दुबे जी ने इस बार मेरा ‘जेन्यून-पत्रकार’ का दर्जा खत्म कर दिया। एक दिन पहले, उन्होंने कहा भी था कि ‘आप तो नीचे प्रेस रूम में बैठकर मेरे बारे में गलत-शलत बोलते हो’। जाहिर था यह मैटेरियल मेरे किसी अपने ने दिया होगा….चलो, मैं जिस राष्ट्रीय चैनल में कार्यरत हूँ , वो विधान सभा के बाहर से विधायकों का, मंत्रियो का और प्रतिपक्ष का प्रसारण करेगा…..बधाई….मेंरे हितचिंतकों को……..।

शेखर श्रीवास्तव ने फाडा विधान सभा सत्र का पास

पत्रकार श्री शेखर श्रीवास्तव ने विधान सभा सत्र का पास फाड कर पत्रकारों के पास न बनने पर रोष व्यक्त किया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किया

मुख्यमंत्री योगीजी के लिए संभव नहीं है कि हर स्तर पर अपनी नजर रख सकें लेकिन अधिकारियों द्वारा जिस तरह से दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है वह न सिर्फ निंदनीय है बल्कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाना अत्यंत आवश्यक है जिससे पत्रकारिता की साख बची रहे और विधानसभा सत्र की पेपरलेस मुहिम से पेपर यानी समाचार पत्र से जुड़े वास्तविक पत्रकार बाहर ना कर दिया जाए।

विधानसभा के पहले दिन सरकार हर मुद्दे पर तैय्यार है लेकिन क्या पत्रकार संगठन पहले दिन अपनी बात रखने के लिए तैय्यार है, आज आवाज़ नही उठी तो कल विधानसभा पत्रकार लेस हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button