जनपदवासियों का जीवन ख़तरे में डाल जिलाअस्पताल स्थानांतरित
लखीमपुर खीरी(अमिर इक़बाल)। जनपद की चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं पर जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह का करारा प्रहार अब जिला अस्पताल लखीमपुर में नहीं बल्कि मोतीपुर गांव में होगा। जिला अधिकारी के आदेश पर जिला अस्पताल पूरी तरह से मोतीपुर में सिफ्ट हो गया। जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ध्वस्त थी। बगैर रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहे थे। अब जिला अस्पताल की आपात सेवाओं के मोतीपुर चले जाने से झोला छापों की बन आयेगी। यूं तो आशायें पहले से ही सरकारी धन लेकर नर्सिंग होमों से मोटी रकमें लेकर माला माल हो रहीं थीं। परंतु अब स्वास्थ्य विभाग की चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं का भरपूर लाभ डग्गामार नर्सिंग होम उठाने वाले हैं।
जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के एक आदेश से नामा लूम कितने मरीज मौत के मुंह में समा जायेंगे, इसका अंदाजा उनको स्वयं नहीं होगा। मुख्यालय से १३किलोमीटर दूर ओयल से लगभग एक किलोमीटर दूर मोतीपुर गांव में बनाया गया ट्रामा सेंटर, जिसमें जिला अस्पताल स्थानांतरित होने से पूर्व ,सीएचसी के चिकित्सक ही चला रहे थे। जहां पर ट्रामा सेंटर के उदघाटन के लिए नेताओं की होड़ लगी थी, परंतु नेता दो शाल तक डाक्टरों एवं स्टाफ की तैनाती नहीं करा पाए थे। मोतीपुर जाने के लिए न तो कोई साधन व्यवस्था है,और न ही वहां जाने के लिए कोई वाहन ही तैयार होते हैं। जिला अधिकारी ने जिला अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं का कोई माकूल इंतजाम किए बगैर आपातकालीन सेवाएं स्थानांतरित कर आम जनता को गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए छोड़ दिया है। पोस्टमार्टम हाउस पर भ्रष्टाचार पहले से ही चरम पर था,अब शव के पोस्टमार्टम में हीलाहवाली का एक नया बहाना बन गया है, जो पोस्टमार्टम की देरी होने पर परिजन पोस्टमार्टम जल्दी कराने के लिए मोटी मोटी रकमें मजबूरन देंगे। संपूर्णानगर ,पलिया,ईशानगर, निघासन, तिकोनिया व मैगलगंज आदि से पुलिस कर्मी शव लेकर पहले पोस्टमार्टम हाउस पर आयेंगे,और पोस्ट मार्टम हाउस से मोतीपुर अस्पताल जाकर पंचनामे की आमद करवायेंगे, तत्पश्चात पुलिस लाइन में आमद कराने के बाद तब पोस्टमार्टम होगा।