क्यों रुका पत्रकार दिनेश मिश्रा का पोस्टमार्टम?
24 घण्टे बाद मृतक पत्रकार का हो रहा है पोस्टमार्टम
बीते बृहस्पतिवार की रात में गौरीगंज व धंमौर थाने की संयुक्त टीम ने एक साथ मिलकर टप्पेबाजी के शक में दिया था मृतक पत्रकार दिनेश मिश्रा के घर दबिश
सुल्तानपुर/अमेठी-बताते चले कि बीते बृहस्पतिवार पड़ोसी जनपद अमेठी जिले के गौरीगंज में स्तिथ बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रांच में एक महिला के साथ 50 हजार रुपये की टप्पेबाजी का मामला सामने आया था। वही इस टप्पेबाजी में शक के आधार पर पुलिस ने सुल्तानपुर जिले के धंमौर थाना क्षेत्र के रहने वाले पत्रकार दिनेश मिश्रा के घर मे गौरीगंज व धंमौर पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश दी थी।
मृतक परिवार के परिजनों की माने तो पत्रकार दिनेश मिश्रा पुलिस वालों से कहते रहे,मैंने पैसा नही लिया है और सुबह मैं थाने पर आ जाऊंगा इसी बीच पुलिस और मृतक दिनेश के बीच हाथापाई तक मामला पहुच गया और दिनेश छत से नीचे कूद गया जिससे उसे गम्भीर चोटे भी आ गई।लेकिन पुलिस उसे जबरन उठा ले गयी। वही पुलिस दिनेश का इलाज सुल्तानपुर जनपद के जिला अस्पताल में ना करवाकर गौरीगंज लेकर गयी। जहाँ सुबह दिनेश की मौत की खबर सामने आई, वही दिनेश की मौत की खबर सुनते ही लोगो मे तरह तरह के सवाल उठने लगे और सवाल उठना भी लाजमी है सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस बिना एफआईआर दर्ज किए ही दबिश मारने आ धमकी थी, पुलिस अपने बुने जाल में ही फसती नजर आ रही है।
पत्रकार दिनेश मिश्रा की मौत बाद बेसहारा हुए परिवार का कौन है सहारा, अपने पीछे दो पुत्री दो पुत्र पत्नी छोड़ गए है पत्रकार दिनेश मिश्रा
अगर एफआईआर की बात करे तो पत्रकार की मौत के लगभग 5घण्टे बाद दर्ज हुई है एफआईआर,वही सूत्र बताते है कि पुलिस ने एफआईआर में भी किया है खेल,तहरीर के मुताबिक नही दर्ज है एफआईआर,मनमाने तरीके की धारा में पुलिस ने एफआईआर किया है दर्ज बताते चले कि बीते कुछ माह पहले जिले की कुड़वार पुलिस पर जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने की थी बड़ी कार्यवाही, थानाध्यक्ष सहित दो सिपाहियों को किया था निलंबित मामला था।
बिना एफआईआर के आरोपी को गिरफ्तार कर उसके साथ थर्ड डिग्री के साथ पेश आने की,जहा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक व्यक्ति को पकड़कर उसके साथ थर्ड डिग्री का हुआ था सलूख जिस पर जाँच करवाके पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने की थी कार्यवाही,अब देखना है अमेठी पुलिस कप्तान क्या इन लापरवाह पुलिस कर्मियो पर कार्यवाही करते है या अपने मातहतों को बचाते नजर आते है।ये तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल अभी तो मृतक परिवार के परिजन पत्रकार दिनेश मिश्रा की आखिरी झलक को परेशान है।