जेल प्रशासन की लापरवाही ने पप्पू की ली जान
लखीमपुर खीरी (आमिर इक़बाल )। जेल में बंद विचाराधीन कैदी ३० वर्षीय पप्पू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत। जिला कारागार के लचर प्रशासन ने न तो पप्पू का ईलाज कराया और न ही जेल आते समय उसका डाक्टरी परीक्षण कराया था। पुलिस ने पप्पू के शव का पंचनामा भरने के पश्चात शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। जहां पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सक ने पप्पू के शरीर में गंभीर चोटों के कारण छाती, गुर्दे,लीवर में पस पड़ जाने के कारण मौत होना बताया है।
घटना के संबंध में बताते हैं कि डेढ़ कोई महीना पहले मजदूरी के दो सौ रुपए डंडा लेकर मांगने गये बालक राम ने पप्पू के घर के भीतर डंडा चला कर पत्नी लज्जावती की हांथ की उंगली तोड़ दी थी। लज्जावती की पुकार से सो रहा पप्पू जाग गया और उसने बालक राम पर कयी वार किया। जिससे बालक राम को भी कयी चोटें आई थीं। पप्पू व उसकी पत्नी लज्जावती जब थाना मैलानी से संबद्ध पुलिस चौकी कुकरा सिकायत करने गये थे तभी चौकी की पुलिस को पता चला कि बालक राम की मौत हो गई। चौकी पुलिस ने पप्पू व उसकी पत्नी लज्जा वती को हिरासत में लेकर थाने पहुंचा दिया।
थाने की लापरवाह पुलिस ने न तो पप्पू का और नहीं उसकी पत्नी लज्जावती का मेडिकल परीक्षण ही कराया। कारण वश लज्जावती की उंगली टेढ़ी जुड़ गयी। मजे की बात तो यह है जो गल्ती थाना मैलानी की पुलिस ने की थी उसी गल्ती को जेल प्रशासन ने दोहरा दिया और पप्पू व उसकी पत्नी लज्जावती की बगैर स्वास्थ्य परीक्षण के जेल में आमद कर ली। चस्मदीदों का कहना है कि पप्पू रात दिन बैरिक में रोता चिल्लाता था परन्तु उसके उपचार के नाम पर कुछ नहीं किया गया। ग्यात हो पप्पू थाना मैलानी के ग्राम खंजन पुर का मूल निवासी था।