भाषा विश्वविद्यालय प्रोफ़ेसर की नियुक्ति कटघरे में

लखनऊ। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में अब फारसी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आरिफ अब्बास ने कॉमर्स विभाग के हेड प्रो. एहतेशाम अहमद की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं। डॉ. आरिफ ने प्रो. एहतेशाम की ओर से लगाए गए ओबीसी सर्टिफिकेट की वैधता पर सवाल खड़े करते हुए कुलपति व रजिस्ट्रार को लीगल नोटिस भेजा है। उनका कहना है कि पूर्व में इस पर ऑडिट आपत्ति हुई थी और स्थिति स्पष्ट करने की बात कही गई थी। पूर्व में विवि प्रशासन में भी शिकायत की गई थी किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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डॉ. आरिफ का आरोप है कि प्रो. एहतेशाम ने वर्ष 2006 का ओबीसी सर्टिफिकेट लगाया गया है जो 2013 तक कैसे तरह वैध था। जानकारी के अनुसार, जाति प्रमाण पत्र सिर्फ छह महीने तक वैध रहता है। वहीं इस मामले में प्रो. एहतेशाम अहमद का कहना है कि वर्ष 2013 से यहां नियुक्त हूं। इससे पहले एक प्रतिष्ठित संस्थान में कार्यरत था।

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