विधानसभा की पेपरलेस व्यवस्था में प्रदीप ही प्रकाश का पर्याय !

Dr.-Mohammad-Kamran Freelance Journalist

हे प्रदीप ! Oh My Pradeep !!
उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में E-Vidhan की व्यवस्था से विधानसभा की कार्यवाही पेपरलेस क्या हुई उत्तर प्रदेश का नाम जगमग जगमग हो गया है। प्रकाशमयी हुई इस पेपरलेस कार्यवाही ने एक नया कीर्तिमान बना दिया है, विधायकों को टेबलेट मिली है तो पत्रकारो को विधान सभा सत्र कवरेज का पास जारी होने में भी प्रतिदिन नई नई टेबलेट (गोली) मिल रही है, प्रेस रुम से लेकर सूचना विभाग तक पत्रकार गोली लेकर चक्कर काट रहे है और सोशल मीडिया, समाचारों, विधानसभा के गलियारे में जहां जाओ वहां सब के मुंह से इस प्रकाशमयी व्यवस्था का पर्याय प्रदीप, प्रदीप ही सुनने को मिल रहा है।

यह भी पढ़ें : सेना के जवान से मारपीट कर लाखों की लूट, पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

हे प्रदीप, Oh My Pradeep, नमस्कार प्रदीप, कहाँ मिलेंगे प्रदीप, कैसे बनेंगे पास, क्या कुछ दे दिलाकर बनेगा पास, विधानसभा सत्र की खबरों के बीच प्रेस रूम में चर्चा का यही नया शगल बन गया है, रात के 9 बजे मीडिया कर्मियों को पास बनने की इस अन्धकार विधा में प्रकाश (प्रदीप) दिखाई दिया तो विधान सभा कवरेज हेतु उनके पास पर मोहर लग गई, एक पत्रकार बाहुबली रूप में सामने आए, सोशल मीडिया पर अपनी कलम की ताक़त दिखाते ही IT एक्ट में मुक़दमा लिखाने का फरमान नाचने लगा, सरकारी मोहर इस फरमान पर भले ही न लगी हो लेकिन उनके विधान सभा कवरेज के पास पर सरकारी मोहर लगा कर जेन्युइन पत्रकार का दर्जा तत्काल मिल गया।

यह भी पढ़ें : पत्रकार अमरेंद्र के किरदार ने बॉक्सऑफिस में दिखाया कमाल

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ IT Act में मुक़दमा लिखे जाने के संदेश से हिलता नज़र आने लगा, खौफजदा मीडियाकर्मी और भी दहशत में नज़र आने लगे, वही जुगाड़ तंत्र की व्यवस्था में जो प्रकाशमयी थी वो अपनी तस्वीरे सोशल मीडिया पर डालकर खुद को जेन्युइन बता कर सबको मुँह चिढ़ाने लगे।

यह भी पढ़ें : यूपी की पत्रकारिता में जय वीरू की जोड़ी बनकर उभरे अमरेन्द्र प्रताप सिंह और डॉ. मोहम्मद कामरान

विधान सभा सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष की तनातनी का जो माहौल मीडियाकर्मी खबरों में दिखाते थे उसका असर मीडियाकर्मियों में भी दिखने लगा है, रंज की गुफ्तगू बढ़ती जा रही है, कही आप से तुम, और तुम से तू की खबरें भी आ रही है। संगठन और समिति के वरिष्ठ पाधिकारियो द्वारा अपने पास को वरीयता के आधार पर बनवा लेने के बाद जो नियम, कानून, मार्गदर्शिका विधान सभा सत्र की कवरेज हेतु बनाये गए थे उन सभी को दरकिनार कर दिया गया है। बड़े घरानों के मीडिया प्रतिनिधियों और मान्यता प्राप्त संवाददता समिति के अध्यक्ष, सचिव की उपस्थिति में जिन नियम, कानून पर मोहर लगी थी वो नियम कानून को ताक पर रख दिया गया है और ऐसे नामो पर संस्तुति दी गयी जो किसी भी मानकों के अंतर्गत प्रवेश पत्र हेतु मान्य नही हो सकते लेकिन इस प्रकाशमयी , पेपरलेस व्यवस्था में प्रदीप ही प्रकाश का पर्याय है, जिसको दिखेगा प्रकाश, प्रदीपमयी होगा उसका प्रवेश का द्वार,,,यही मंत्र का जाप ही असली तंत्र है इस पेपरलेस सुविधा में।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button