चुनावी मंथन से पूर्व आईना की कलमकारों को बूस्टर डोज़ की सौगात

आईना देख कर इंसान खुद के चरित्र को आदर्श बना सकता है। आओ हम सब मिलकर आईना देखें और आईने में वह सब देखें जिसको देखने को हम सब तड़प रहे थे, जिस एहसास को, जिस अपनेपन को, जिस परिवार के साथ मौज मस्ती के सफर को हमसब बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उस वक्त को, उस पल को, उस एहसास को, आईने में हम सब ने देखा, हम सब ने महसूस किया और हम सब ने अपनत्व और गर्मजोशी का जो एहसास किया उसके लिए हम सभी ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन (आईना) के सभी सम्मानित सदस्यों के शुक्रगुज़ार है।

कार्तिक माह 2021 के 16 नवंबर का दिन मंगलवार आईना के सभी परिवार वासियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था जो उनके मस्तिष्क में आदिकाल के लिए अंकित हो गया और हनुमानगढ़ी में मिला आशीर्वाद का सुखद एहसास सबको अभिभूत कर गया। अवध की सरज़मीन से निकले कलमकारों के इस दल को अयोध्या की पावन धरा पर स्वयं हनुमानगढ़ी के महंत के हाथों रामनामी अंगवस्त्र उढ़ा कर सम्मानित किये जाने का कार्य भी स्वयं ईश्वरीय कृपा से संभव हुआ, न पूर्व नियोजित कार्यक्रम था और न हीं कोई रसूखदार, प्रभावशाली व्यक्तिव था लेकिन हनुमानगढ़ी के प्रांगड़ में लाल कारपेट पर आईना के सदस्यों का सम्मान जिस गर्मजोशी से हुआ उससे बाबा केदरनाथ के धाम की महीमा और लाली का सुखद एहसास हम सबके हृदय की गहराइयों में बस गया।

आईना परिवार का साथ और एक दूसरे का हाथ मे हाथ, उस एहसास, उस पल को याद करा गया जब कोरोना के चलते इंसान इंसान को सड़कों पर ढूंढ रहा था, हर तरफ सन्नाटा था, घंटे घड़ियाल की आवाज सुनाई नहीं देती थी, मस्जिदों में नमाज़ी नहीं दिखते थे, शादी, विवाह, बैंड बाजे, सब रुक गए थे यहां तक की सड़कों पर बस, ट्रक, रेल, हवाई जहाज कहीं कुछ नहीं दिखता था। जिंदगी के पहिए थम गए थे और जिंदगी रुक सी गई थी, सब लोग घरों में बैठकर सिर्फ अपने अपने ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे और बड़े-बड़े मंदिरों के चौखट के कपाट भी बंद थे। इंसान को इंसान देखने के लिए भी आईना देखना पड़ता था, अपनों के अंतिम समय में दर्शन भी नसीब नहीं हो रहे थे ऐसा लगता था इंसान इंसान से छिटक कर दूर रहने का समय आ गया हो और हम सब एक विचित्र अनुभव से गुजर रहे थे। हम सब ने अपने करीबियों को अपने पास से जाते हुए देखा और अंतिम समय में उन्हें कंधा न दे पाने का दुख भी रहा।

इन विषम परिस्थितियों में जहां एक इंसान दूसरे इंसान से बात करना तो दूर देखना भी पसंद नहीं कर रहा था और खुद को घर की चारदीवारी में कैद कर लिया था, हम कलमकार, समाचार पत्र अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए खबरों को समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे और अपने इन्हीं दायित्वों को पूरा करते करते हमारे बहुत से साथी, हमारे बहुत से करीबी, हमें छोड़ कर चले गए। उनके जाने का दुख भी था और इस बात का एहसास भी हुआ कि हम सब कभी एक दूसरे के परिवार के साथ घुले मिले नहीं, साथ बैठे नहीं, मेल मिलाप हुआ नही और पत्रकार-परिवार मिलन की इस खाईं को जोड़ने-पाटने का काम करते हुए ऑल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन, आईना के सम्मानित पदाधिकारियों ने पत्रकार, परिवार और आईना के तहत अयोध्या जाने का कार्यक्रम बनाया क्योंकि उत्तर प्रदेश में अयोध्या की धार्मिक महत्ता, सियासी महत्ता होने के साथ साथ कलमकारों के लिए आगामी चुनावी वर्ष 2022 के लिए खबरों का एक बड़ा स्रोत भी है। आईना के सदस्यों को अपनी अपनी ख़बर मिल गयी, परिवार का साथ मिल गया और ईश्वरीय कृपा से हनुमानगढ़ी में रामनामी अंगवस्त्र का सम्मान भी मिल गया।

कोरोना काल के बाद सामाजिक जिंदगी व्यतीत करने वाले किसी भी इंसान के लिए आईना का ये साथ उसके लिए बूस्टर डोज़ से कम न था, आजादी 1947 में मिली हो या 2014 में इसकी चर्चा नही थी सब खुद को आज़ाद महसूस कर रहे थे, बेख़ौफ़ होकर अपने साथियों और परिवार के साथ मौज मस्ती की एक नई पाठशाला बना रहे थे, गुनगुना रहे थे, खिलखिला रहे थे, किसी ने गीत गाकर बस का माहौल संगीतमय कर दिया तो किसी ने अपने पैरों के थिरकने के अंदाज से अपने बचपन को जी लिया, बुज़ुर्गी की दहलीज पर कदम रख चुके हमारे आईना परिवार के सदस्य छोटी से बस में भी अपने जोश को रोक ना सके और कहीं मिथुन तो कहीं दलेर मेहंदी को पछाड़ते नज़र आ रहे थे और तो और हमारी छोटी बेटी सिफ़त ने अपने सुरों से बस का माहौल ऐसा बना दिया कि 2 घंटे का ये सफ़र 2 मिनट में बदलकर आईना के सभी सदस्यों को ये असम्भव सी बात को संभव कर दिखाया।

अयोध्या यात्रा ने आईना परिवार को इस बात का अहसास करा दिया कि आईना देख कर हम खुद के चरित्र को आदर्श बना सकते है और जिस तरह किसी भी मशीन या वाहन की सर्विसिंग या रिपेरिंग बीच बीच में होने से मशीन अपनी रफ्तार से चलती रहती है, आईना द्वारा किये जा रहे इन प्रयासों से कलमकारों को बूस्टर शक्ति ऐसे वक्त मिली है जब उत्तर प्रदेश में चुनाव 2022 की बयार चालू है।अयोध्या की पावन धरा पर मिली बूस्टर डोज़ से कलम भी तेजस्वी जोश दिखाएगी और आईना पूरे देश मे चमकता नज़र आएगा।

डॉ मोहम्मद कामरान
स्वतंत्र पत्रकार
ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन

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