सगी बड़ी बहन ने प्रेमियों संग मिलकर छोटी बहन के साथ सामूहिक ब्लात्कार कराया
राजफाश होने के डर से छोटी बहन की हत्या में बड़ी बहन भी सामिल
लखीमपुर खीरी । जनपद की क़ानून व्यवस्था ध्वस्त, प्रेमियों के साथ मिलकर छोटी बहन १२ वर्षीय अंजली से सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या ने पूरे जनपद को झकझोर कर रख दिया है। २२ घंटे बाद अंजली का पोस्टमार्टम तीन डाक्टरों के पैनल ने वीडियो ग्राफी के साथ किया, सब कुछ संदेह के घेरे में है। पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ जोन लक्ष्मी सिंह घटना के तुरंत बाद लखीमपुर पहुंच गईं।
पुलिस मुखिया संजीव सुमन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस की पांच टीमों का गठन किया और चौबीस घंटे के भीतर ही सामूहिक ब्लात्कार एवं हत्या का पर्दाफाश करने का दावा किया है।इस संबंध में पुलिस ने मृतिका की बड़ी बहन राजनी व उसके प्रेमियों को पकड़ने का दावा करके प्रेस के सामने वाहवाही लूट ली है। बताते हैं कोतवाली सदर से संबद्ध पुलिस चौकी रामापुर के ग्राम धोबहा भोजपुर में दोपहर १२ बजे शौच के बहाने बड़ी बहन राजनी छोटी बहन मृतका को बुलाकर ले गयी थी। जहां अंजली के प्रेमी रंजीत चौहान, अमर सिंह, अंकित, संदीप, दीपू व अर्जुन पहले से मौजूद थे। जहां दीपू व अर्जुन खेतों की तरफ आने जाने वालों पर नजर गड़ाए थे, तो बड़ी बहन राजनी ने छोटी बहन के हाथ पकड़ लिए और रंजीत, अमरसिंह, अंकित व संदीप ने बारी बारी से ब्लात्कार किया। मामला खुल न जाए कारण वस अंजली की गला घोंट कर हत्या कर दी।और बहन राजनी ऐसे घर वापस हुई जैसे कुछ हुआ ही नहीं। अंजली जब शौच से वापस नहीं आयी तब परिजनों ने तलाश शुरू की। तभी बहन राजनी ने बताया कि अंजली शौच के लिए खेतों में गयी थी। तभी अंजली का शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ।
मजे की बात तो यह है कि पांच बजे पोस्टमार्टम हाउस पर शव पहुंच जाने के बावजूद पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ, जबकि दो घंटे का दिन बाकी था, चर्चा है कि पोस्टमार्टम हाउस पर सेटिंग होने के बाद ही बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया।
अंजली के पिता महेश प्रसाद ने कोतवाली सदर लखीमपुर में बेटी अंजली की हत्या एवं ब्लातकार की प्राथमिकी कोतवाली सदर लखीमपुर में पंजीकृत करायी है। पुलिस मुखिया संजीव सुमन ने बताया कि राजनी के प्रेमियों का अंजली विरोध करती थी तथा गाहे-बगाहे राजनी के प्रेमियों से गाली गलौज भी होता था। महेश प्रसाद द्वारा पंजीकृत कराये गये मुकदमा अपराध संख्या ७१९/२२, धारा ३०२,२०१ हैं। पुलिस अधीक्षक ने हत्या का खुलासा करने वाले पुलिस कर्मियों को २० हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया है।