हिन्दुस्तान उर्वरक एण्ड रसायन लिमिटेड द्वारा किसान गोष्ठी का आयोजन

बछरावां, रायबरेली (इम्तियाज़ खान)। बृहस्पतिवार को जेन्स ग्रीन जिलेदार, तिलेण्डा, शिवगढ़ रोड, बछरावां में हिन्दुस्तान उर्वरक एण्ड रसायन लिमिटेड (HURL) द्वारा अपना यूरिया नामक उर्वरक की विशेषताएं किसानों को बतायी गयी। उक्त गोष्ठी में उत्तर प्रदेश हेड जोगेश कक्कड़ ने किसानों को बताया कि अपना यूरिया की जिले में कई इकाईयां खोली गयी हैं और एक टोल फ्री नम्बर 1800 258 6807 (हैलो HURL) दिया गया जिस पर फोन करके किसान अपनी समस्याओं का निदान कर सकता है।

उन्होने यह भी बताया कि दूसरे उर्वरक के मुकाबले अपना यूरिया के मजबूत दाने, गांठरहित एवं एक समान प्रिल/दानें इसमें मिलेंगे। नीम लेपित यूरिया के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि कीट और जीवाणुओं से यह सुरक्षा करता है। उपज में बढ़ोत्तरी करता है। नाइट्रोजन उपयोग क्षमता में बढ़ोत्तरी करता है। साथ में मजबूत बैग, आकर्षक डिजाइन एवं ढोने में सुविधाजनक है। एरिया मैनेजर उमाकांत त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि किसानों को फसल के दो माह पूर्व अपनी मिटटी का मृदा परीक्षण अवश्य करवाना चाहिए। इसके लिए उन्होेंने जिले के विभिन्न जगहों पर लैब खोल रखे हैं। जिसमें अपनी मृदा परीक्षण करा सकता है। जिससे की किसान अपनी उर्वरा शक्ति को आवश्यकतानुसार पोटाश, जिंक सल्फेट, नाइट्रोजन और दवाईयों का भी प्रयोग कर सकता है। इस तरह उर्वरक खादों का प्रयोग करने से फसलोें में उपज बढ़ती है और अनावश्यक प्रयोग से और फसल के नुकसान से किसानों का अत्यधिक फायदा होता है।

डेवलपमेंट आफीसर हिमांशु कनौजिया ने बताया कि अपना यूरिया की तीनों इकाईयां गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), बरौनी (बिहार) एवं सिंदरी (झारखंड) में स्थित है। HURL की तीनों इकाईयों से 2,56,666 बोरे यूरिया का उत्पादन प्रतिदिन होगा। जिससे यूरिया की कमी नहीं होने पायेगी। मार्केटिंग आफीसर निशांत गौरव ने बताया कि जिले के विभिन्न जगहों पर अपना यूरिया उपलब्ध है। 45 किग्रा0 की बोरी जिसका मूल्य प्रति बोरी 266.50/-रूपये है। जिसको किसान भाई दुकान के अलावा एप के जरिये आनलाइन भी मंगवा सकते हैं। इसी क्रम में मृदा विभाग के गोविन्द सिंह ने किसानों से मृदा परीक्षण से सम्बंधित जानकारी दी और उससे होने वाले लाभ के बारे में किसानों बताया और कहा की इस तरह से खेती करने से आपको कम लागत में ज्यादा उपज ले सकते हैं। उक्त गोष्ठी में सैकड़ों किसान मौजूद रहे। जिन्होंने अपनी समस्यायें बतायी। जिसका समाधान अजय सिंह ने विधिपूर्वक किसानों को समझाया। उक्त गोष्ठी में मुकेश (पड़ीरा), श्यामलाल (छोटकवाखेड़ा), देवकीनंदन (बछरावां), अंबरदीन चौधरी (एसिया) आदि मौजूद रहे।

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