इंडो नेपाल सीमा से सटे तिकुनिया में शेर से लड़ने के बाद बाघ ने मारा
लखीमपुर खीरी। जनपद में बाघों का आतंक जारी। आवारा पशुओं एवं बंदरों से खेत बचा रहे 32वर्षीय रमेश से बाघ की हाथापाई के बाघ ने रमेश का पेट चीरकर व सर में गंभीर चोटें पहुंचाने के बाद अपनी खुराक बनाया।

सैकड़ों ग्रामीणों एवं सोरगुल के बीच शेर ने नदी पार करके अपने सुरक्षित स्थान पर शरण ली। पुलिस ने रमेश के शव का पंचनामा भरने के पश्चात शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला मुख्यालय लखीमपुर भेज दिया है।
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घटना के संबंध में बताते हैं कोतवाली तिकुनिया के ग्राम मझरा पूरब में सांय 5 बजे आवारा पशुओं एवं बंदरों से अपना गन्ने का खेत बचा रहे रमेश पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ से हाथा पाई कर रहे रमेश के दोनों हाथ बाघ ने काट दिया। रमेश के बेबस होते ही बाघ ने पेट गला काट कर खून पी लिया और सर में गंभीर घाव कर दिया ।

घटना की सूचना पर शेर तो जौराहा नदी पार करके भाग गया परंतु शेर के जाते ही उग्र भीड़ ने वन व पुलिस विभाग के विरुद्ध धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।जो देर रात तक जारी था।
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ग़ौरतलब हो इंडोनेपाल सीमा से सटे जंगलों में शेरों के आतंक और हमलों से किसान भयभीत हैं। फसलें चौपट हैं। खेतों में काम करने वाले मजदूर काम करने वाले तैयार नहीं हैं।वन विभाग मौन धारण किये हैं।